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India Against Corruption - A Jan Lokpal Bill has been designed which has strong measures to bring all corrupt people to book. Join the cause and fight to force politicians to implement this powerful bill as an act in the parliament.

Wednesday, February 09, 2011

Never pay more than MRP

MRP is maximum Retail Price and includes all taxes. On one hand, the shopkeeper can not charge you more than MRP, but on the other hand, you can bargain on MRP as it is your right. 

Before buying, you must check the following on any packaged commodity:
a) Name and address of manufacturer or packer,
b) Name of the goods,
c) Net quantity in the package,
d) Month and year of manufacture or packing,
e) Name, address, helpline No. and E-mail of the Consumer Grievance Redressal Authority.

You can lodge a complaint if the package does carry above declarations.

Link - www.fcamin.nic.in

For other details click on the picture.

Friday, February 04, 2011

आईएसआई मार्क और उत्पाद की गुणवत्ता ???

आईएसआई मार्क भारतीय मानक ब्‍यूरो (भामाब्यूरो) की प्रमाणन मुहर है जो उन उत्पादों पर लगाई जाती है जो भामाब्यूरो द्वारा प्रमाणित हैं. किसी उत्पाद पर इस प्रमाणन चिन् (मानक मुहर) की उपस्थिति इस बात का आश्वासन है कि उत्पाद की गुणवत्ता राष्ट्रीय मानक के अनुरूप है और इसे भामब्यूरो द्वारा पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही स्वीकृत किया गया है.

भारतीय मानक ब्‍यूरो
(पहला नाम - भारतीय मानक संस्था, वर्ष १९४७ में गठित की गई) को भारतीय संसद द्वारा पारित विधान, भारतीय मानक ब्‍यूरो अधिनियम १९८६, के अंतर्गत गठित किया गया है. भामाब्यूरो केंद्र सरकार के 'उपभोक्ता मामले मंत्रालय' के नियंत्रण में एक स्वायत्त संस्था है. इस अधिनियम द्वारा प्रदत वैधानिक अधिकार से भामाब्यूरो एक 'उत्‍पाद प्रमाणन योजना' चला रहा है. यह उत्पाद प्रमाणन योजना १९५५ में आरंभ हुई थी. इसके अंतर्गत लाइसेंसधारी को प्रमाणन मुहर (आईएसआई मार्क) के स्व-उपयोग की स्‍वीकृति दी जाती है. भामब्यूरो अब तक विभिन्न उत्पाद निर्माताओं को ३५००० से अधिक लाइसेंस स्‍वीकृत कर चूका हैं, जिसमें कृषि, वस्‍त्रादि, पेय/खाद्य पदार्थ, विद्युत्/इलैक्‍ट्रॉनिक उत्पाद, रसोई गैस के सिलिंडर एवं वाल्व, गहराई से पानी निकलने के हस्तचालित पम्प, स्टील/पीवीसी निर्मित पीने/कृषि योग्य जल आपूर्ति के ट्यूब्स शामिल है.  भारतीय उपभोक्ता ने आईएसआई मार्क में अपना पूरा विश्वास व्यक्त किया, पर पिछले कुछ वर्षों से आईएसआई मार्क से उपभोक्ताओं का विश्वास उठता जा रहा है. कुछ लोग तो यहाँ तक कहते सुने जाते हैं कि स्वयं भामब्यूरो के कर्मचारी आईएसआई मार्क उत्पाद नहीं खरीदते.

भामाब्‍यूरो उत्‍पाद प्रमाणन योजना एक स्‍वैच्छिक योजना है और
अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संस्था (आईएसओद्वारा प्रकाशित मार्गदर्शिका २८ पर आधारित है. इस मार्गदर्शिका के अंतर्गत भामाब्‍यूरो फैक्‍टरी का प्रारंभिक परीक्षण एवं उस की 'गुणता प्रबंध पद्धति' का  मूल्‍यांकन करता है और उत्‍पाद की गुणवत्ता की मानकों से अनुरूपता को निर्धारित व स्‍वीकृत करता है. यह स्‍वीकृति फैक्‍टरी के गुणता प्रबंध पद्धति की निगरानी व फैक्‍टरी से लिए गए नमूनों की स्वतंत्र प्रयोगशालाओं में जांच के बाद ही दी जाती है. सभी भामाब्‍यूरो प्रमाणन भारतीय मानकों के अनुसार किए जातें हैं. भामब्यूरो अपनी लगातार निगरानी द्वारा ब्यूरो द्वारा प्रमाणित उत्पादों की गुणता पर पैनी नजर रखता है. इसके लिए ब्यूरो के अधिकारी समय-समय पर फेक्ट्री में बिना बताये जा कर इंस्पेक्शन करते हैं, फेक्ट्री और बाजार से उत्पाद के नमूने ले कर उनकी स्वतंत्र प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता जांच की जाती है. किसी प्रकार की कोई भी कमी पाए जाने पर उस का विस्तृत अध्ययन किया जाता है और मूल कारणों का पता लगाया जाता है और कमी के लिए जिम्मेदार कारणों को दूर किया जाता है. यदि उत्पाद निर्माता उस कमी को जल्दी दूर नहीं कर पाता है तब उस से आईएसआई मार्क लगाने का स्व-अधिकार वापस ले लिया जाता है. यह अधिकार उसे तब ही वापस मिलता है जब गुणवत्ता में कमी के सारे कारणों को प्रभावशाली तरीके से दूर कर दिया जाता है और ब्यूरो के सक्षम अधिकारी पूर्ण रूप से अपनी संतुष्टि कर लेते हैं. ऐसा न होने पर उत्पाद निर्माता से लाईसेंस वापस ले लिया जाता है. ग्राहक भी उत्पाद गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर ब्यूरो को शिकायत कर सकता है. ब्यूरो अधिकारी शिकायत की तुरंत जांच करते हैं और शिकायत सही पाए जाने पर ख़राब उत्पाद के स्थान पर सही उत्पाद दिलवाया जाता है.

यह बहुत अधिक दुःख का विषय है कि
आईएसआई मार्क की अपनी गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया है. इस के लिए ब्यूरो, ब्यूरो अधिकारी, ब्यूरो की नीतियों और कार्यविधियों में बिना पूर्ण विचार के किये  गए परिवर्तन, मंत्रालय का अनावश्यक हस्तक्छेप काफी हद तक जिम्मेदार हैं. ब्यूरो एक साइंटिफिक संस्था है पर काफी समय से इस के महानिदेशक और अन्य पदों पर आईएएस अधिकारियों की गैरकानूनी नियुक्ति की जा रही है. यह ब्यूरो की गिरती साख का मुख्य कारण है.
 
कहानी बहुत लम्बी है पर ग्राहकों को सुनानी जरूरी है. इस लिए मैं इसे एक लेख श्रंखला के रूप में प्रकाशित कर रहा हूँ. आगे के भागों में विस्तार से गुणवत्ता हनन की कथा पर चर्चा की जायेगी. 

नोट - हर उत्पाद के लिए मानक मुहर अलग गजट की जाती है. इस के ऊपर भारतीय मानक का नंबर होता है और नीचे लाईसेंस नंबर.