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India Against Corruption - A Jan Lokpal Bill has been designed which has strong measures to bring all corrupt people to book. Join the cause and fight to force politicians to implement this powerful bill as an act in the parliament.

Friday, December 24, 2010

National Consumer Day

The government has declared 24 December as 'National Consumer Day', since the President gave his assent on that day to the enactment of the historic Consumer Protection Act, 1986. Besides this, 15 March is observed as 'World Consumer Rights Day' every year.

Thursday, December 23, 2010

केन्द्रीय सरकार - ग्राहकों की दुश्मन

शरद पवार केंद्र सरकार में मंत्री हैं. पहले दूध, फिर चीनी और अब प्याज - इस मंत्री महोदय ने ऐसे बयान दिए कि इन रोज जरूरत की चीजों की कीमते बढ़ गईं और जो बढ़ गईं वह कम नहीं हुईं. फोटो पर क्लिक करें और पढ़ें कि पवार साहब ने कैसे देश की जनता के साथ दुश्मनी निभाई. ऐसा उन्होंने क्यों किया? वह देश की जनता से यह दुश्मनी क्यों निकाल रहे हैं?

प्याज की कीमतें आसमान पर पहुँच गईं. केंद्र सरकार सच्चे-झूठे आश्वासन देने लगी. पर पवार साहब ने स्पष्ट कह दिया की तीन सप्ताह से पहले कीमतें कम नहीं होंगी. ऐसी बातें उन्होंने दूध और चीनी के बारे में भी कही थीं. कीमतें बढ़ गईं और आज भी बढ़ रही हैं. यह कैसा कृषि मंत्री है जो जब मुहँ खोलता है तब खाने की चीजों की कीमतें बढ़ जाती हैं?

प्याज के मामले में तो इस मंत्री ने कमाल कर दिया. मंदी से ग्राहक तक पहुँचने में प्याज की कीमतें १३५% बढ़ गईं. एक मंगलवार के दिन ही थोक व्यापारियों ने ४ करोड़ रुपये और ज्यादा कमा लिए. पवार साहब के हिस्से में इन तीन हफ़्तों में कितना माल आएगा इस का अंदाजा लगाया जा सकता है.

प्रधानमंत्री ने अपनी चिंता प्रकट कर दी है और अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी का आह्वान किया है कि विपक्ष पर हमला बोल दो.

जनता पिस रही है. उसे पिसने दो. उसका तो काम ही पिसना है.

Wednesday, December 22, 2010

दिल्ली सरकार - ग्राहकों की दुश्मन

मैंने १५ सितम्बर २०१० को इस ब्लॉग पर एक पोस्ट लिखी थी - दिल्ली सरकार - ग्राहकों की दोस्त या दुश्मन. पढ़ने के लिए क्लिक करें.

पहले तो दिल्ली की मुख्य मंत्री को जैसे ही पता चला कि डीईआरसी विजली की दरें कम करने जा रहा है वह घबडा गईं उन्होंने खुद दौड़ कर डीईआरसी को विजली की दरें कम करने के आदेश को जारी करने कि सिफारिश करने से ही रोक दिया. बाद में जब डीईआरसी ने यह सिफारिश कर ही डाली तब उन्होंने उसे यह कह कर अस्वीकार कर दिया कि वह डीईआरसी के चेयरमेन कि निजी राय है. बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहा कि उन्हें डीईआरसी को निर्देश देने का अधिकार नहीं है. इस बीच डीईआरसी के चेयरमेन रिटायर हो गए.

अब नए चेयरमेन ने विजली की दरें बढाने की सिफारिश कर डी और दिल्ली सरकार ने उसे मान लिया है. इस सिफारिश के अनुसार विजली दरें लगभग ३०% बढ़ जायेंगी. तेल और दूध के दाम कई बार बढ़ चुके हैं. जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. प्याज ने तो नागरिकों को रुला दिया है. ऐसे में विजली की दरें एक तिहाई बढ़ाना तो जनता की कमर हो तोड़ देगा.

कुछ महीने पहले डीईआरसी के चेयरमेन ने कहा था कि सब विजली कम्पनियों को काफी लाभ हुआ है और यह कम्पनियां झूट बोल रही हैं कि उन्हें नुक्सान हो रहा है. अब नया डीईआरसी का चेयरमेन आ गया है और वह विजली कम्पनियों की हाँ में हां मिला रहा है. साथ के फोटो पर क्लिक कर के देखिये इस कहानी को.

फैसला आप कीजिए कि दिल्ली सरकार ग्राहकों की दोस्त है या दुश्मन. मेरे विचार में तो ग्राहकों की सब से बड़ी दुश्मन है दिल्ली सरकार. जनता ने इस सरकार को तीसरी बार चुना और इस एहसान फरामोश सरकार ने उन्हीं को कैसे धोखे और झटके दिए हैं.